How to Become SDM : एसडीएम यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा और राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा, दोनों मेन से किसी भी एक परीक्षा को पास करके बना जा सकता है। तो आइए इस लेख में जानते हैं कि एक एसडीएम की जिम्मेदारियां क्या-क्या होती हैं, उसकी सैलरी कितनी होती है और कौन सी सुविधाएं एक SDM को मिलती हैं।
एसडीएम एक प्रशासनिक अधिकारी का पद होता है। प्रशासनिक सेवा अधिकारी का पद बहुत ही पवारफुल, इज्जत और सम्मानजनक होता है। एसडीएम को सम्मान के साथ ही एक अच्छा खासा वेतन भी मिलता है और अन्य सरकारी सुविधाएँ भी मिलती है। इस कारण से आज के समय में ज़्यादातर लोगों का सपना एसडीएम बनने का होता है।
लेकिन SDM Officer बनना इतना आसान नहीं होता है। वर्तमान समय में प्रतियोगिता बहुत बढ़ गयी है। जहाँ 500 रिक्त पदों की भर्ती के लिए आवेदन सूचना निकलती है, उस पद के लिए लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं। ऐसे में नौकरी पाना काफी मुश्किल हो जाता है। इस कारण आधे से ज्यादातर लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है, और वह अपने एसडीएम बनने के सपने से वंचित रहते है। इसकी परीक्षा बहुत कठिन होती है। फिर भी अगर आप मेहनत और लगन के साथ पढाई करेंगे, तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।
आज के समय में आप जितना अच्छा नौकरी पाना चाहते हैं, आपको उतनी अधिक पढाई और मेहनत करनी होगी। अगर आप एसडीएम बनना चाहते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि SDM Kaise Bante Hai? SDM Banne ke Liye Kya Kare? SDM ke Liye Qualification और SDM Banne ke Liye Yogyata क्या होनी चाहिए?
तो आज मैं इस लेख के जरिये आपसे इसी के बारे में बात करने जा रहा हूँ कि SDM Kaise Bane? SDM Banne ke Liye Yogyata Kya Honi Chahiye? अगर आप भी सोच रहे हैं कि SDM Banne ke Liye Kya Kare? तो आप यह आर्टिकल SDM Kaise Bane in Hindi अंत तक जरुर पढ़िए और पसंद आए तो दोस्तों के साथ शेयर करिए।
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एसडीएम क्या होता है? SDM Kya Hota Hai?
एसडीएम का पूरा नाम (Full Form) Sub Divisional Magistrate होता है। हिंदी में एसडीएम (SDM) को उप-प्रभागीय न्यायाधीश कहा जाता है। एसडीएम जिले के सब-डिवीजन का प्रशासनिक सेवा अधिकारी होता है। राज्य के सभी जिले में एक एसडीएम/ उप-प्रभागीय न्यायाधीश होता है।
How to Become SDM: जब भी जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की बात होती है तो डीएम के बाद सबसे अधिक एसडीएम शब्द ही सुनते होंगे। डीएम का फुल फॉर्म होता है डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट। जबकि एसडीएम का फुल फॉर्म है सब डिविजनल मजिस्ट्रेट।जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि, एसडीएम एक सब डिवीजन लेवल का अधिकारी होता है। एसडीएम की भर्ती यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा (जिसे कि PCS के नाम से भी जाना जाता है) के जरिए होती है। आज जानेंगे कि SDM कैसे बनते हैं, उनकी जिम्मेदारियां क्या होती हैं और सैलरी कितनी मिलती है?
एसडीएम कैसे बनें? SDM Kaise Bane? (How to Become SDM)
जैसे कि आप ने अभी ऊपर पढ़ा कि एसडीएम की भर्ती यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा या राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा के जरिए होती है। जब कोई IAS अधिकारी एसडीएम बनता है तो वह अपने कैडर में ट्रेनिंग के दौरान या पहली पोस्टिंग में एसडीएम के पद पर नियुक्त किया जाता है। जबकि पीसीएस परीक्षा के जरिए एसडीएम बनने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप रैंक होनी चाहिए। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा या राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा हो, दोनों के लिए उम्मीदवारों को किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट उत्तीर्ण होना चाहिए। यह भर्ती प्रक्रिया तीन चरण में होती है – सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा, फिर मुख्य परीक्षा और इसके बाद इंटरव्यू। तीनों परीक्षा पास कर लिए तो रैंक के अनुसार पद मिलते हैं।
एसडीएम बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए? SDM ke Liye Qualification Kya Hai?
उप-प्रभागीय न्यायाधीश का पद श्रेष्ठ (High Level) होता है। जितना ऊँचा पोस्ट में नौकरी (Job) पाना चाहते हैं, आपको उतनी ही अधिक पढाई भी करनी पड़ती है। आपके पास ये सभी SDM Banne ke Liye Yogyata होनी चाहिए।
- उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी संकाय में स्नातक (Graduation) पास होना चाहिए।
- ग्रेजुएशन में कम से कम 55% अंक होना चाहिए।
- आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार कम से कम 50% अंकों में स्नातक पास होने चाहिए।
- कोई भी स्नातक के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं।
- उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए।
- अधिकतम उम्र श्रेणी (Category) के अनुसार अलग-अलग निर्धारित की गयी है।
- General Category (सामान्य वर्ग) के लिए अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष निर्धारित है (PCS परीक्षा के लिए)।
- ST/ SC के लिए अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष है।
- और PWD Category की उम्र सीमा 55 वर्ष है।
- अभ्यर्थी को भारत का नागरिक होना चाहिए।
- एसडीएम बनने के लिए सबसे पहले आप ग्रेजुएशन पास करें।
- ग्रेजुएशन करने के बाद एसडीएम पद के लिए होने वाली परीक्षा के लिए आवेदन करें।
- उप-प्रभागीय न्यायाधीश (SDM) पोस्ट की भर्ती के लिए दो तरह की परीक्षा होती है।
- एक राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सर्विस एग्जाम (CSE Exam) पास करके।
- और दूसरा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित होने वाली Civil Service Exam उत्तीर्ण करके।
- इन दोनों में से किसी भी परीक्षा के माध्यम से आप SDM बन सकते है।
- प्रति वर्ष सभी राज्य लोक सेवा आयोग (State PSC) और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन निकालती है।
- आप जिस भी परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
- यूपीएससी (Union Public Service Commission) और State PSC की परीक्षा तीन चरणों में होती है।
- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार (Interview), उम्मीदवार को इन तीनों परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना होता है।
- जो अभ्यर्थी सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो जाते हैं, उनका नाम Merit List में होता है।
- मेरिट लिस्ट में जिन अभ्यर्थियों का नाम होता हैं, उनका चयन Sub Divisional Magistrate पद के लिए होता है।
- इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ता है। जब ट्रेनिंग पूरी हो जाती है तब एसडीएम के पद पर नियुक्ति मिल जाती है।
प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा लिखित परीक्षा होती है. इन दोनों परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. इन तीनों चरणों की परीक्षाओं को पास करके आप एसडीएम बन सकते हैं।
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एसडीएम बनने के लिए कौन-सा एग्जाम देना पड़ता है? SDM Kaise Bante Hai?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्य लोक सेवा आयोग (State PSC) एसडीएम पोस्ट के लिए परीक्षा आयोजित करती है। UPSC और SPSC की परीक्षा तीन चरणों में होती है।
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims Exam): यह लोक सेवा आयोग परीक्षा की प्रथम चरण की परीक्षा होती है। इसमें कुल दो पेपर होते हैं। दोनों प्रश्न-पत्र सामान्य ज्ञान (General Knowledge) के होते हैं। दोनों पेपर में कुल 200-200 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं। सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होते हैं। सही विकल्प को चुनकर उत्तर देना होता है। इसमे निगेटिव मार्किंग होती है।
मुख्य परीक्षा (Mains Exam): प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद Mains Exam होता है। यह परीक्षा बहुत कठिन होती हैं। इसमें कुल 9 पेपर होते हैं। सभी पेपर में वर्णात्मक/व्याख्यात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्नों का उत्तर यथासंभव अपने शब्दों में देना होता है। प्रत्येक प्रश्न-पत्र को हल करने के लिए 3 घंटे का समय निर्धारित होता है। सभी पेपर 200-200 अंकों की होती है। इस परीक्षा में Negative Marking का प्रावधान नहीं है।
साक्षात्कार (Interview): प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात अभ्यर्थियों के लिए इंटरव्यू का प्रावधान होता है। इस साक्षात्कार में अधिकारी आपसे कुछ प्रश्न पूछते हैं, उसका जवाब ठीक से देना होता है। इंटरव्यू के माध्यम से आपकी ज्ञान और व्यवहार की जाँच होती है।
एसडीएम के काम क्या होते हैं?
एसडीएम पूरे सब डिवीजन की देखरेख करता है। जिले की पूरी भूमि/जमीन का लेखा-जोखा रखता है। उसके साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र का विकास करना, नवीनीकरण करना, कई प्रकार का लाइसेंस जारी करना और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित व्यक्तियों तक सहायता पहुँचाना एसडीएम का कार्य होता है। इसके अलावा उप-प्रभागीय न्यायाधीश का उपखंड के सभी तहसीलदारों पर प्रत्यक्ष नियंत्रण होता है।
- प्रशासनिक और न्यायिक कार्य देखना।
- क्षेत्रीय विवाद निपटाना और आपदा प्रबंधन।
- राजस्व कार्याों में भूमि रिकॉर्ड का रख-रखाव।
- राजस्व मामलों का संचालन।
- सीमांकन और अतिक्रमण जैसे मामलों का निपटारा।
- सार्वजनिक भूमि का संरक्षण और भू पंजीकरण।
एसडीएम को मिलने वाली सुविधाएं और सैलरी
एसडीएम का वेतनमान 9300-34800 रुपये और ग्रेड पे 5400 रुपये होता है। SDM की शुरुआती सैलरी ₹56,100 तक होती है। हालांकि इसमें कई भत्ते भी जुड़ते हैं। अगर सुविधा की बात करें तो एसडीएम को सरकारी आवास, सुरक्षाकर्मी, घरेलू काम के लिए हेल्पर यानी नौकर, सरकारी वाहन, एक टेलिफोन कनेक्शन, फ्री बिजली, आधिकारिक यात्रा के दौरान आवास की सुविधा, हायर एजुकेशन के लिए अवकाश और रिटायरमेंट के बाद पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
एसडीएम बनने के लिए कौन-सा एग्जाम देना पड़ता है? SDM Kaise Bante Hai?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्य लोक सेवा आयोग (State PSC) एसडीएम पोस्ट के लिए परीक्षा आयोजित करती है। UPSC और SPSC की परीक्षा तीन चरणों में होती है।
Preliminary Exam (प्रारंभिक परीक्षा)
Mains Exam (मुख्य परीक्षा)
Interview (साक्षात्कार)
एसडीएम के काम क्या होते हैं?
एसडीएम पूरे सब डिवीजन की देखरेख करता है। जिले की पूरी भूमि/जमीन का लेखा-जोखा रखता है। उसके साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र का विकास करना, नवीनीकरण करना, कई प्रकार का लाइसेंस जारी करना और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित व्यक्तियों तक सहायता पहुँचाना एसडीएम का कार्य होता है। इसके अलावा उप-प्रभागीय न्यायाधीश का उपखंड के सभी तहसीलदारों पर प्रत्यक्ष नियंत्रण होता है।
कौन होता है एसडीएम से ऊपर?
एसडीएम से ऊपर डीएम (जिला अधिकारी) होता है। राज्य प्रशासनिक सेवा में जिला लेवल पर डीएम सबसे बड़ा अधिकारी होता है। एसडीएम प्रमोशन पाकर डीएम बनता है। साथ ही यह डीएम और तहसीलदारों के बीच पत्राचार का एक चैनल होता है।
एसडीएम को वेतन कितना मिलता है? SDM ka Salary Kitna Hai?
उप-प्रभागीय न्यायाधीश (SDM) अधिकारी का न्यूनतम वेतन 53,100 रुपये से 67,700 रुपये है। और अधिकतम वेतन एक लाख से अधिक होता है। एसडीएम अधिकारी को अच्छा खासा वेतन मिलता है। उसके साथ ही अन्य सरकारी सुविधाएँ भी मिलती है। जैसे, रहने के लिए आवास, वाहन आदि।